एनपीएस वात्सल्य योजना के लिए पात्रता निम्नलिखित है:
1. आयु सीमा: इस योजना में निवेश करने के लिए बच्चे की आयु 0 से 18 वर्ष के बीच होनी चाहिए।2. माता-पिता या अभिभावक: बच्चे के माता-पिता या कानूनी अभिभावक इस योजना में निवेश कर सकते हैं।
3. निवेश की न्यूनतम राशि: सालाना न्यूनतम 1,000 रुपये का निवेश आवश्यक है।
4. निवासी स्थिति: यह योजना भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध है।
इस योजना का उद्देश्य बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करना है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। क्या आप इस योजना के बारे में और कोई जानकारी चाहते हैं?
पेंशन खाते में निवेश करने के लिए आप नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) या अटल पेंशन योजना (APY) जैसे विकल्पों का उपयोग कर सकते हैं। यहाँ पर NPS में निवेश करने के कुछ मुख्य तरीके दिए गए हैं:
NPS खाता खोलना:
आप NPS खाता खोलने के लिए किसी भी पंजीकृत प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस (POP) जैसे बैंक या पोस्ट ऑफिस में जा सकते हैं.
ऑनलाइन माध्यम से भी eNPS पोर्टल के जरिए खाता खोला जा सकता है.
न्यूनतम योगदान:
टियर I (पेंशन) खाते में खाता खोलते समय कम से कम 500 रुपये का निवेश करना आवश्यक है.
टियर II (निवेश) खाते में कम से कम 1,000 रुपये का निवेश करना होता है.
नियमित योगदान:
टियर I खाते में हर वित्त वर्ष में कम से कम 1,000 रुपये का योगदान करना आवश्यक है.
टियर II खाते में हर वित्त वर्ष में कम से कम 250 रुपये का योगदान करना होता है.
ऑनलाइन योगदान:
आप eNPS पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन योगदान कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपने PRAN (स्थायी सेवानिवृत्ति खाता संख्या) और जन्मतिथि का प्रमाण देना होगा.
फिजिकल तरीके से योगदान:
आप नजदीकी POP-SP (प्वाइंट ऑफ प्रेजेंस-सर्विस प्रोवाइडर) पर जाकर भी योगदान कर सकते हैं। इसके लिए आपको NPS कॉन्ट्रिब्यूशन इंस्ट्रक्शन स्लिप भरनी होगी.
NPS में निवेश करने से आपको सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय प्राप्त करने में मदद मिलती है और साथ ही टैक्स लाभ भी मिलता है.
एनपीएस वात्सल्य योजना की मुख्य विशेषताएं:
लंबी अवधि की पेंशन: बचपन से ही निवेश करने से बच्चे को सेवानिवृत्ति के समय एक सुरक्षित पेंशन मिलेगी।
कर लाभ: एनपीएस के तहत किए गए योगदान पर कर छूट का लाभ प्राप्त होता है।
नॉमिनेशन की सुविधा: योजना में नॉमिनी बनाने की सुविधा भी होती है जिससे निवेश किए गए फंड का सही इस्तेमाल सुनिश्चित किया जा सके।
यह योजना भारत में वित्तीय समावेशन और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।